दिल्ली में होटलों में काम करने वाले चंपावत में बनबसा के मझगांव देवीपुरा के करीब 13 लोग पिछले चार दिन से दिल्ली में फंसे हैं। इनके सम्मुख खाने पीने की समस्या पैदा हो गई है। किराए पर रहने वाले इन लोगों को मकान मालिक ने मकान खाली करने को कह दिया है।
इन लोगों में दीपक कुमार, हिमांशु कुमार, हरीश राम, अमर राम, केशव राम, कमल टम्टा, संजय कुमार दिल्ली के महिपालपुर और अर्जुन कुमार, कविता देवी, साक्षी, यश कुमार, पुष्कर कुमार, भुवन कुमार करोलबाग में फंसे हैं। दीपक कुमार ने दूरभाष पर अमर उजाला को बताया कि उनके सम्मुख खाने पीने की समस्या पैदा हो गई है। सभी के मकान मालिक भी उन्हें मकान खाली करने को कह रहे हैं।
बताया कि लॉकडाउन के तहत होटलों के बंद होने से उनके सामने रहने और खाने की समस्या पैदा हो गई है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार से उन्हें घरों तक पहुंचाने की गुहार लगाई है। इधर मझगांव देवीपुरा की पूर्व प्रधान माला देवी, सामाजिक कार्यकर्ता अशोक कुमार, ग्रामीण श्याम लाल, मोहन लाल एवं मीना देवी ने जिला प्रशासन से उक्त लोगों को घरों तक लाने की व्यवस्था करने की मांग उठाई है।
इन लोगों में दीपक कुमार, हिमांशु कुमार, हरीश राम, अमर राम, केशव राम, कमल टम्टा, संजय कुमार दिल्ली के महिपालपुर और अर्जुन कुमार, कविता देवी, साक्षी, यश कुमार, पुष्कर कुमार, भुवन कुमार करोलबाग में फंसे हैं। दीपक कुमार ने दूरभाष पर अमर उजाला को बताया कि उनके सम्मुख खाने पीने की समस्या पैदा हो गई है। सभी के मकान मालिक भी उन्हें मकान खाली करने को कह रहे हैं।
बताया कि लॉकडाउन के तहत होटलों के बंद होने से उनके सामने रहने और खाने की समस्या पैदा हो गई है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार से उन्हें घरों तक पहुंचाने की गुहार लगाई है। इधर मझगांव देवीपुरा की पूर्व प्रधान माला देवी, सामाजिक कार्यकर्ता अशोक कुमार, ग्रामीण श्याम लाल, मोहन लाल एवं मीना देवी ने जिला प्रशासन से उक्त लोगों को घरों तक लाने की व्यवस्था करने की मांग उठाई है।
पश्चिम बंगाल के 27 पर्यटकों का एक दल लॉकडाउन के कारण चौकौड़ी बेरीनाग के सद्भावना रिजॉर्ट में छह दिन से फंसा हुआ है। इन पर्यटकों के पैसे और राशन खत्म हो गया है।दल में अधिकतर लोग 60 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, जो अब अपने घर से मीलों दूर होने से अवसाद की स्थिति में हैं।
बेरीनाग क्षेत्र के तहसीलदार व अन्य अधिकारी इन पर्यटकों के संपर्क में हैं। साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी इसकी सूचना दी गई है। पश्चिम वर्धमान आसामसोल के ट्रेवल एजेंसी संचालक शांतनु सरकार के नेतृत्व में कोलकाता और अन्य क्षेत्रों के पर्यटक व अन्य स्टाफ 13 मार्च को पश्चिम बंगाल से नैनीताल के लिए चला
था। दल 15 मार्च को नैनीताल पहुंचा। 16 मार्च को यह दल कौसानी होते हुए मुनस्यारी की ओर चला गया। जब तक दल मुनस्यारी से लौटा तब तक उत्तराखंड में लॉकडाउन की घोषणा हो गई।
यह दल 21 मार्च से चौकौड़ी में फंसा है। दल के इंचार्ज शांतनु सरकार ने बताया कि उनका राशन अब खत्म हो गया है। साथ ही एटीएम और बैंक से पैसे न मिलने से उनके सामने खाने पीने का संकट हो गया है। होटल का किराया देने के लिये पैसे कम पड़ रहे हैं। दल में अधिकतर लोग 60 साल से अधिक उम्र के हैं, जो मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। शांतनु सरकार के अनुसार उन्होंने अपनी परेशानी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बता दी है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार से भी मदद की अपील की है।
बेरीनाग क्षेत्र के तहसीलदार व अन्य अधिकारी इन पर्यटकों के संपर्क में हैं। साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी इसकी सूचना दी गई है। पश्चिम वर्धमान आसामसोल के ट्रेवल एजेंसी संचालक शांतनु सरकार के नेतृत्व में कोलकाता और अन्य क्षेत्रों के पर्यटक व अन्य स्टाफ 13 मार्च को पश्चिम बंगाल से नैनीताल के लिए चला
था। दल 15 मार्च को नैनीताल पहुंचा। 16 मार्च को यह दल कौसानी होते हुए मुनस्यारी की ओर चला गया। जब तक दल मुनस्यारी से लौटा तब तक उत्तराखंड में लॉकडाउन की घोषणा हो गई।
यह दल 21 मार्च से चौकौड़ी में फंसा है। दल के इंचार्ज शांतनु सरकार ने बताया कि उनका राशन अब खत्म हो गया है। साथ ही एटीएम और बैंक से पैसे न मिलने से उनके सामने खाने पीने का संकट हो गया है। होटल का किराया देने के लिये पैसे कम पड़ रहे हैं। दल में अधिकतर लोग 60 साल से अधिक उम्र के हैं, जो मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। शांतनु सरकार के अनुसार उन्होंने अपनी परेशानी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बता दी है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार से भी मदद की अपील की है।